Wednesday 17 December, 2008

हुजूर, होश में आइए





अब यह बात बिल्कुल साफ हो गई है कि दहशतगर्दी के खिलाफ जंग में पाकिस्तान ने जो कदम पिछले दिनों बढ़ाए थे, उन्हें उसने पीछे खींच लिया है। महज भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया की नजरों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का पाकिस्तानी हुक्मरान ने मजाक उड़ाया है और उनका दोगलापन सरेआम हो गया है। अब अगर भारत पाकिस्तान पर हमला कर दे, तो पाकिस्तान को बचाने के लिए कोई भी राष्ट्र खुले तौर पर सामने नहीं आएगा, लेकिन हमारे यहां बयानों में एका नहीं है। विदेश मंत्री चीखते हैं, `पाकिस्तान ठोस कदम उठाए,´ तो रक्षा मंत्री का बयान आता है, `भारत जंग नहीं करेगा।´ इन कोरी बयानबाजियों से पाकिस्तान मुतमईन हो गया है कि भारत हमला नहीं करेगा, इसलिए उसने पकड़े गए तमाम दहशतगर्द सरगनाओं को बिरयानी खिलाकर घर छुड़वा दिया है! जरदारी भी सुबूतों की ढेर पर बैठकर बेहद बेशर्मी से सुबूत मांग रहे हैं, मिलकर जांच जैसी फिजूल की बातों में दुनिया का वक्त खराब कर रहे हैं। जरदारी चैन से बैठना चाहते हैं, लेकिन हमें चैन से नहीं बैठना चाहिए। मखौल बना दिए गए संयुक्त् राष्ट्र के फरमान को अपना हथियार बना लेना चाहिए। दुनिया के बड़े-बड़े सियासतदां पाकिस्तान को नसीहतें दे रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान फिक्रमंद नहीं है। जरदारी को अपने मुल्क की ताकत का गुरूर नहीं करना चाहिए, मुशर्रफ़ को भी यह गुरूर था और वे कारगिल में मुंह के बल ढेर हुए थे। वक्त रहते जरदारी को हकीकतों पर गौर फरमाना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि दहशतगर्दों को अपने पहलू में महफूज रखने की मुहिम में मुल्क बरबाद हो जाए।

No comments: