Friday, 11 May 2012

आमिर खान के साथ कुछ पल

आमिर खान और पत्रिका (पत्रकारिता)
आमिर खान से मेरे दो सवाल
मेरा सवाल सुनते आमिर खान
9 मई की दोपहर आमिर खान के साथ मैंने करीब १० मिनट बिताये. इस बीच उन्हें अपना संडे जैकेट का काम दिखाया, सत्यमेव जयते का पहला एपिसोड प्रसारित होने से पहले सुबह हमने सत्य के लिए किये जा रहे संघर्ष पर एक पेज प्रकाशित किया था. आमिर के बिलकुल सामने बैठकर उन्हें बताया कि फ़िल्मी दुनिया के दूसरे बड़े स्टार क्यों और कैसे छोटे परदे से जुड़े, और उनका छोटे परदे से जुड़ना हमे क्यों अलग सा लगा. उन्हें खुशी हुई. उसके बाद मैंने आमिर खान से कुछ सवाल पूछे, रिकॉर्ड भी किया, जिनमे से दो पत्रिका में प्रकाशित हुए.सवाल जवाब के बाद मैंने पत्रकारिता से सम्बंधित चर्चा शुरू की, उनके सामने एक कागज रखा जिसमे ख़बरों के दस विषय लिखे थे, परचा देखते ही आमिर को लगा कि उस पर आटोग्राफ देना है, उन्होंने तत्काल साइन कर दिया, तो मैंने बताया कि नहीं आप इसे पढ़िए, और ख़बरों के चयन की अपनी प्राथमिकता रैंकिंग देकर दर्ज कीजिए. उन्होंने मुझ से पूछा की क्या क्या लिखा है. मैंने पढ़ कर बताया. उन्होंने समाज से जुडी खबरों को पहला स्थान दिया. पढने में दिक्कत हो रही थी, तो आमिर ने अपनी टीम के मेम्बर से पूछा कि मेरा चश्मा कहाँ है, तत्काल एक सफेद रंग का सुन्दर चश्मा आया, आमिर ने चश्मा पहनने के बाद कागज को फिर पढ़ा, और दूसरे नंबर पर राजनीतिक ख़बरों को रखते हुए बताया कि समाज और राजनीति एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, इन दोनों का समान महत्व है, तो कभी राजनीति की ख़बरें मुख्य बन सकती हैं तो कभी समाज की. उसके बाद उन्होंने पूछा की एजुकेशन कहाँ है, मैंने बताया तो उसे तीसरा नंबर दिया, फिर युवा व रोजगार को चौथा नंबर दिया. उनकी नजर बार बार ब्यावसायिक ख़बरों पर जाती रही, उन्होंने एकाधिक बार पूछा भी के ये क्या है. उसे उन्होंने आठ नंबर पर रखा, और सिनेमा और टीवी को सातवें नंबर पर, और अंत में दसवें नंबर पर फैशन-हाई सोसाइटी-सेलेब्रिटी को रखते हुए जोर देकर कहा कि ख़बरों में फैशन की जरूरत नहीं है, इसे तो छोड़ ही देना चाहिए.

1 comment:

मन्टू कुमार said...

Aamir ji ke view jaankar achha lga...:)