राउरकेला, उड़ीसा में जन्म हुआ, वहीं पला-बढ़ा, अर्थशास्त्र की पढाई. जो पहली भाषा पल्ले पड़ी, वह ओरिया थी, उसके बाद हिंदी और इंग्लिश, 16 - 17 की उम्र में आकर पता चला कि प्रवासी बिहारी हूँ, जन्मजात पत्रकार जैसा कुछ था, भोपाल, मध्यप्रदेश से पत्रकारिता की शुरुआत, फिर अमर उजाला, नोएडा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 7 साल पत्रकारिता. दिसंबर 2006 में राजस्थान में पत्रिका समूह की सेवा में तैनात हुआ. 7 साल जयपुर में सेवारत, संस्थान ने मार्च 2014 में ख्वाजा के शहर अजमेर में सम्पादकीय प्रभारी बनाया और दिसंबर 2014 से राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी जोधपुर में यही जिम्मेदारी मिली. मई २०१७ में रायपुर, छत्तीसगढ़ में राज्य संपादक। कुछ समय वहीं से बिहार-झारखण्ड डिजिटल प्रभारी और विशेष पेज की जिम्मेदारी. 26 फरवरी 2019 से हिंदुस्तान, नोएडा-दिल्ली में फीचर्स एडिटर पद के साथ सेवारत.
बिना अनुमति इस ब्लॉग से कुछ भी कॉपी न करें, सर्वाधिकार ज्ञानेश उपाध्याय
पत्रकारिता : एक किताब
किताब का प्रकाशन राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी ने किया है, 2011 में ही प्रकाशित हुई है, मेरी किताब मेरी कथनी नहीं बल्कि करनी का प्रतिफल है। उन तमाम मित्रों का आभार जो निःस्वार्थ भाव से मेरे साथ रहे हैं। पुस्तक मंगाने के लिए संपर्क करें राजस्थान हिंदी ग्रन्थ अकादमी १, झालाना सांस्थानिक झेत्र, जयपुर -302004 फ़ोन - 0141 - 2711129,,,,किताब के लिए आप मुझ से भी संपर्क कर सकते हैं.
किताब का लोकार्पण 17 मई 2011
अमर उजाला के दिन
उन दिनों बनाये गए सन्डे स्पेशल गौरतलब के कुछ पेज जो याद आते हैं
सचिन की चोटों और टेनिस एल्बो पर
पुलिस
कांची पीठ के शंकराचार्य का जेल जाना
शहरों की बदहाली
समूह संपादक श्री शशि शेखर जी नेतृत्व में पहला गौरतलब
dost baar-baar nahi bas ek baar, shuru hota hai saanson ka jhoola aur rukata hai ek baar us rukne se pahle jhoolte rahiye saath milkar to maja hai dekhiye sansaar saja hai hamare liye