(अपने बेटे चैतन्य की जिद पर वर्तमान स्थिति पर विगत दिनों लिखी एक बाल कविता)
प्यारी ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
ना कोई भी दमन चाहिए
सारे दुख का शमन चाहिए
एक ऐसा हमें देश चाहिए
खूब पढ़ाई, प्यार चाहिए
प्यारी, ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
मार काट अब तुम छोड़ो तो
क्या पाया है, बहुत लड़े तो
हम बच्चों की बात सुनो तो
थोड़ा तुम इंसान बनो तो
प्यारी, ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
हम बच्चों की यही तमन्ना
एक दिन जग सच्चों का होगा
उस दिन जग अच्छों का होगा
वो दिन हम बच्चों का होगा
प्यारी ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
प्यारी ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
ना कोई भी दमन चाहिए
सारे दुख का शमन चाहिए
एक ऐसा हमें देश चाहिए
खूब पढ़ाई, प्यार चाहिए
प्यारी, ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
मार काट अब तुम छोड़ो तो
क्या पाया है, बहुत लड़े तो
हम बच्चों की बात सुनो तो
थोड़ा तुम इंसान बनो तो
प्यारी, ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
हम बच्चों की यही तमन्ना
एक दिन जग सच्चों का होगा
उस दिन जग अच्छों का होगा
वो दिन हम बच्चों का होगा
प्यारी ठंडी पवन चाहिए
हम बच्चों को अमन चाहिए
No comments:
Post a Comment